विरह वेदना को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता हूं। जब भी प्रेम की बातें होतीं अबोल सा । विरह वेदना को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता हूं। जब भी प्रेम की बातें होतीं ...
तुझमे मुझको दिखता रब लड़की है तू कहने को मुझको तू लगती भगवान का रूप! तुझमे मुझको दिखता रब लड़की है तू कहने को मुझको तू लगती भगवान का रूप!
चलो सोचते हैं एक बार ऐसी दुनिया की ख़ूबसूरती जहाँ न फितना, न फ़साद और न कोई बुराई हो चलो सोचते हैं एक बार ऐसी दुनिया की ख़ूबसूरती जहाँ न फितना, न फ़साद और न कोई बु...
सोचा था जिसे आस, वो तो ख्वाब निकला। सोचा था जिसे आस, वो तो ख्वाब निकला।
न वफ़ाओं की है कोई सीमा, न ख्वाबों की दहलीज़ है...! न वफ़ाओं की है कोई सीमा, न ख्वाबों की दहलीज़ है...!
चाहत...! चाहत...!